MyUpchar
गुरु नानक देव की 550वीं जयंती, जानें उनके विचार, ऐसे बन गए सिखों के प्रथम गुरु
Culture Observed

गुरु नानक देव की 550वीं जयंती, जानें उनके विचार, ऐसे बन गए सिखों के प्रथम गुरु

गुरु नानक देव जी
गुरु नानक देव जी

है निराकार करतार नानक बन्दा तेरा

 गुरु नानक देव जी की आज 550वीं जयंती है, वे सिखों के पहले गुरु थे. उनका जन्म सन् 1469 में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को हुआ था. उनका जन्म रावी नदी के तट पर बसे एक गांव तलवंडी (अब पाकिस्तान) हुआ था. नानक बचपन से ही धार्मिक प्रवृति के थे, सिख धर्म में गुरु नानक के जन्मदिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं.

 गुरुनानक देव जी के विचार

सन् 1507 में वे अपने सहयोगी और शिष्यों मरदाना, बाला, लहना, और रामदास सहित तीर्थस्थलों की यात्रा पर निकल गए. उन्होंने भारत सहित कई अन्य देशों की यात्रा की और वहां पर धार्मिक उपदेश भी दिए, जिसे उदासीस कहा जाता है. साथ ही गुरुनानक देव जी ने आम भाषा,  कीर्तन के माध्यम से और लोगों को चार शब्दों में उपदेश दिए.

एकता’ , ‘ समानता’  ‘श्रद्धा’ ‘प्रेम

बतादें कि जो पहले दो शब्द है, एकता और समानता, वो इंसान और वाहिगुरु के संबंध को बताते है. दूसरे शब्द श्रद्धा और प्रेम मनुष्य को उन्नति और मंजिल की ओर ले जाते है.

गुरुनानक जी ने संसार को एक नई रोशनी दी, संसार को अवसर दिया. दुनिया को जीना सीखाया, गुरुनानक देव जी ने खिचड़ी भाषा में भारत के लोगों को समझाया उन्हें भ्रम के जाल से निकाला. जो लोग समाज का शोषण करते थे, उन्हें फटकारा.

गुरुनानक जयंती ऐसे मनाई जाती है

गुरुनानक जयंती पर सिख धर्म के लोग कई आयोजन और सभाएं करते हैं. कई सिख इस अवसर पर अखंड पाठ का आयोजन भी करवाते हैं. ये अखंड पाठ लगातार 48 घंटों तक चलता है, इसमें सिख धर्मगुरु पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के महत्वपूर्ण अध्यायों का पाठ करते हैं. गुरु नानक की जयंती से ठीक एक दिन पहले सिख लोग भजन-कीर्तन करते हुए प्रभात फेरी भी निकालते हैं.


Advertisement

Log in

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy