बीजेपी की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ बताने के बाद मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंदौर के पुलिस स्टेशन में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ देशद्रोह की शिकायत की है. साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ता साध्वी के बयान के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं प्रज्ञा ठाकुर से जुड़े क़रीबी सूत्रों का कहना हैं कि उनकी टिप्पणी शहीद उधम सिंह को लेकर थी. प्रज्ञा ठाकुर ने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, महासचिव भूपेन्द्र यादव और संसदीय कार्य मंत्री से मुलाकात की और अपने बयान पर पार्टी को सफाई दी. वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष के सांसदों ने प्रज्ञा की भर्त्सना के लिए प्रस्ताव बनाया है. इस प्रस्ताव पर 50 से ज्यादा सांसदों के दस्तखत हैं.
ये है मामला
लोकसभा में SPG अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान DMK के सांसद ए राजा, नाथूराम गोडसे के एक बयान का हवाला दे रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा, तो साध्वी प्रज्ञा ने उन्हें टोक दिया. साध्वी ने कहा, ‘आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते.’ लेकिन, प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान को लोकसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया गया.
साध्वी पर हुई कार्रवाई
गोडसे पर बयान के बाद साध्वी प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से हटा दिया गया. इसके साथ ही सत्र के दौरान होने वाले बीजेपी संसदीय दल की बैठकों में भी साध्वी प्रज्ञा को नहीं आने का फरमान सुनाया गया. बीजेपी अब प्रज्ञा ठाकुर को पार्टी से बाहर निकालने की तैयारी में है.
पहले भी दे चुकी है ऐसा बयान
याद हो तो इससे पहले लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भी उन्होंने नाथूराम गोडसे को लेकर कहा था कि उन्होंने गांधी जी की हत्या की थी, लेकिन वे भी देशभक्त थे. उनके इस बयान पर तीखा विवाद हुआ था, जिसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे कभी भी उन्हें दिल से माफ नहीं कर पाएंगे.