देश के आर्थिक विकास की गाति धीमी हो चुकी है. हाल ही में जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गई है. वहीं सरकार की तरफ से आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन बीजेपी नेता अजीबोगरीब बयान देने से बाज नहीं आ रहे है.
बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने देश की आर्थिक पर टिप्पणी की है. सुशील मोदी ने कहा कि सावन-भादो के महीने में मंदी तो रहती ही है. बतादें कि GDP के ताजा आंकड़े मंदी की ओर इशारा करते दिख रहे हैं.
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास की दर करीब 6 साल में सबसे कम होकर 5 फीसदी पहुंच गई है. एक साल में ही जीडीपी में 3 प्रतिशत की भारी गिरावट हुई है. लेकिन बिहार के डिप्टी सीएम मानते हैं कि मंदी का शोर मचाकर कुछ लोग चुनाव में हार की खीझ उतार रहे हैं.
बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा,’केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से कर्ज देने की क्षमता (लेंडिग कैपिसिटी) बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किए हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा. वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार…
केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।
वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार……. pic.twitter.com/6pu1xkqzWP
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 1, 2019
बतादें कि आर्थिक मंदी से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई सुधारों की घोषणा की है. उन्होंने हाल ही में बैंकों के विलय की घोषणा की थी. साथ ही सरकार को RBI से 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए मिले हैं, जिनका इस्तेमाल देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में किया जाएगा.