FATF फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ब्लैकलिस्ट में पाकिस्तान जाने से अभी बच गया है. एफएटीएफ ने पाक को चेतावनी दी है कि वो फरवरी 2020 तक सुधार के सख्त कदम उठाए. पाक से FATF ने कहा है कि अगर पाकिस्तान ने दिए हुए समय तक अपनी धरती पर टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों को फलने-फूलने से नहीं रोका, तो उसपर गंभीर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पेरिस में 12 से 18 अक्टूबर तक चले FATF के सालाना बैठक में शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से अब तक उठाए गए कदमों पर रिव्यू मीटिंग की गई.
FATF के टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के 27 मानकों में से 22 पर पाकिस्तान खरा नहीं उतर पाया. उसके बाद एफएटीएफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान फरवरी 2020 तक एक्शन प्लान पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है.
36 देशों वाले FATF चार्टर के मुताबिक किसी भी देश को ब्लैक लिस्ट नहीं करने के लिए कम से कम तीन देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है. पाक फिलहाल ‘ग्रे लिस्ट’ में है और वो इससे बाहर आने की कोशिश में जुटा है. वहीं FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई पूरी करने के लिए उसे अक्टूबर तक का वक्त दिया था.
इससे पहले चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाक के जरिए उठाए गए कदमों की सराहना की थी. वहीं भारत ने ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की थी. भारत का कहना था कि इसने हाफिज सईद को अपने फ्रीज खातों से धन निकालने की इजाजत दी है.
क्या होगा अगर पाक ब्लैक लिस्ट हो गया तो
FATP की ओर से पाक अगर ब्लैक लिस्ट हो गया तो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक(World Bank) और यूरोपीय संघ (EU) जैसे संस्थान पाकिस्तान को डाउनग्रेड करेंगे, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी. उसके बाद किसी भी संस्था की तरफ से न तो कोई मदद मिलेगी न ही कर्ज मिलेगा.