चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को 2 दिन के लिए 11 अक्टूबर को भारत पहुंचेंगे.ये शिखर वार्ता चेन्नई के नजदीक प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में होगी. बतादें कि नरेंद्र मोदी के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद चीनी राष्ट्रपति की ये पहली भारत यात्रा होगी.लेकिमन दो दिन के इस दौरे में भारत-चीन के बीच कोई बड़ा करार होने की संभावना नहीं है. क्योंकि ये एक तरह की इन्फॉर्मल विजिट है जिसमें कोई निश्चित एजेंडे पर बात नहीं होगी.
चीनी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान ना ही कोई समझौता होगा, ना ही कोई MoU साइन किया जाएगा. यह यात्रा पूरी तरह से इन्फॉर्मल रहने वाली है. हालांकि, इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-शी जिनपिंग में वन-टू-वन बातचीत होगी, जिसमें बॉर्डर पर शांति, पीपल टू पीपल कनेक्ट पर फोकस होगा. दोनों नेता इसी बैठक में विशेष प्रतिनिधि वार्ता की तारीख तय कर सकते हैं.
भारत-चीन के बीच विवाद
चीन और भारत के बीच इन दिनों काफी मसलों पर बातचीत चल रही है. वहीं चीन के साथ सीमा विवाद काफी पुराना है, इसके अलावा चीनी सेना के जवान कई बार भारतीय सीमा में घुसपैठ करते नज़र आते हैं. साथ ही जम्मू-कश्मीर के मसले पर चीन का पाकिस्तान को समर्थन देना हो या फिर अमेरिका के साथ चल रही ट्रेड वॉर को लेकर बात हो, दोनों देश कई मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.
दूसरी बार हो रही है समिट
चीन और भारत के बीच इस प्रकार की समिट दूसरी बार हो रही है, जिसमें दोनों देशों के प्रमुख बिना किसी निर्धारित एजेंडे के मिल रहे हैं. इससे पहले 27-28 अप्रैल 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के वुहान राज्य में पहुंचे थे, तब भी दोनों नेताओं ने किसी निश्चित एजेंडे पर बात नहीं की थी.
चीन की भारत यात्रा में क्या खास?
11 और 12 अक्टूबर को दोनों नेता कई बड़े मुद्दों पर बात करेंगे, इस दौरान मोदी-जिनपिंग मल्लपुरम के मंदिर जाएंगे और आसपास के क्षेत्रों का दौरा करेंगे. चीनी राष्ट्रपति के साथ इस दौरे में चीन के विदेश मंत्री भी भारत आएंगे.