चक्रवात ‘महा’ अब अरब सागर में घूमने के बाद गुजरात के तटों की तरफ बढ़ रहा है. इसकी तीव्रता तेज भी है. लेकिन गुजरात तट पर पहुंचने से पहले इसके कमजोर होने की संभावना है. तूफान ‘महा’ 7 नवंबर को गुजरात में दस्तक दे सकता है, लेकिन ये कमजोर पड़ चुका है. वहीं महा के अलावा बंगाल की खाड़ी में ऐसा एक और तूफान बन रहा है. इसे बुलबुल नाम दिया गया है. इससे 5 दिन पहले ही चक्रवाती तूफान ‘क्यार’ खत्म हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार ऐसा पहली बार हो रहा है, जब एक के बाद एक लगातार 3 तूफान बने.
तूफान का कहर
बुलबुल 11 महीने में 7वां तूफान होगा, वहीं एक मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 129 साल में तीसरी बार ऐसा होगा जब दशक में सबसे ज्यादा 99 तूफान बने. इससे पहले 1970 से 1979 के दशक में 110 और 1960 से 1969 के दशक में 99 तूफान बने थे. बुलबुल तूफान उत्तर की ओर 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. बुलबुल पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की ओर आगे बढ़ सकता है. दूसरी ओर मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान ‘महा’ को ज्यादा गंभीर तूफान की श्रेणी में रख रहा है. ये तूफान लगातार 21 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. अभी ये गुजरात के पोरबंदर से 480 किलोमीटर दूर है.
भारी बारिश
मौसम से जुड़ी जानकारी देने वाली एजेंसी स्काईमेट के अनुसार दक्षिण और दक्षिण पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी चक्रवात का प्रभाव देखने को मिलेगा. इन भागों में बारिश की गतिविधियां गर्जना के साथ शुरू हो सकती है. जिसमें पुणे, मुंबई, गोवा, सहित कोंकण, मध्य महाराष्ट्र में भी बारिश हो सकती है.
लोगों ने झेली फानी की मार
ओडिशा में इस वक्त ‘बुलबुल’ का खौफ लोगों के बीच दिख रहा है. क्योंकि कुछ महीने पहले ही ओडिशा ने तूफान ‘फानी’ को झेला था. ये तूफान ओडिशा या पश्चिम बंगाल में किस स्थल से टकराएगा, फिलहाल ये अभी कहना मुश्किल है. फिर भी सतर्कता के तौर पर संभावित तूफान को देखते हुए ओडिशा में तमाम बंदरगाहों पर एक नंबर खतरे का निशान जारी कर दिया गया है.