जब से मोदी सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाई है. तभी से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. कश्मीर को लेकर पाक के पीएम इमरान खान पूरी दुनिया में समर्थन के लिए गए, लेकिन किसी देश ने उन्हें समर्थन नही दिया. वहीं कश्मीर को लेकर इमरान की पाकिस्तान में नेता से लेकर आम जनता तक आलोचना कर रही है.
अब आलोचना करने वालों में एक नाम और जुड़ गया है पाक पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी का. भुट्टो ने मंगलवार को कश्मीर मसले पर इमरान खान को नाकाम बताया है. मीडिया से बातचीत के दौरान बिलावल ने कहा पहले हम भारत से श्रीनगर छीन लेने की बात करते थे, लेकिन अब हालात ये हो गए हैं कि हमें मुजफ्फराबाद बचाने के लाले पड़ गए हैं. पीपीपी अध्यक्ष ने एक बार फिर पीएम इमरान खान और फौज पर निशाना साधा. उन्होंने कहा खान इलेक्टेड नहीं सिलेक्टेड पीएम हैं. सिलेक्टेड और सिलेकटर्स से मुल्क की जनता अब जवाब मांग रही है.
“Earlier we used to plan how to take Srinagar. Now we are planning how to save Muzaffarabad” @BBhuttoZardari says. True. A selected PM will always be faithful to those who have selected him.
Pakistan’s foreign policy is now limited to two words – rave and rant. pic.twitter.com/XWbcJsSnlw
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) August 27, 2019
पीपीपी की अहम बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा कि अब ये बात बिल्कुल साफ हो गई कि सरकार नाकाम साबित हो गई है, पहली की कोई भी सरकार इस कदर नाकाम नहीं हुई. आपने लोकतंत्र के साथ जो खिलवाड़ किया है, उसे हमने बर्दाश्त कर लिया. आपने अर्थव्यवस्था तबाह कर दी, हमने वो भी सहन कर लिया. आप सोते रहे और जब जागे तो विरोधियों को दबाने के लिए. आप सोते रहे और मोदी ने कश्मीर छीन लिया. पहले हमारे पॉलिसी क्या होती थी? हम प्लान बनाते थे कि श्रीनगर कैसे लेंगे. अब सिलेक्टेड पीएम खान की वजह से ये हालात हो गए हैं कि सोचना ये पड़ रहा कि हम मुज्जफराबाद कैसे बचाएंगे.
पीपीपी अध्यक्ष ने आगे कहा कि हमारी विदेश नीति क्या है ? हमारी आर्थिक नीति क्या है? ये उस सब का नतीजा होता है जब एक सिलेक्टेड (फौज) एक आदमी को सिलेक्ट (इमरान) को पीएम पद पर बैठाती है. ये सिलेक्टेड व्यक्ति केवल अपने सिलेक्टर्स को खुश करने के लिए देश को तबाह कर देता है. पाकिस्तान की जनता महंगाई की सुनामी में डूब रही है. कश्मीर भी हमारे हाथों से निकल गया. अब ये सवाल उठता है कि हम किसे दोषी ठहराएं ? सिलेक्टेड व्यक्ति को या सिलेक्टेर्स को ? देश में कोई भी क्षेत्र क्षेत्र लीजिए. हर जगह कठपुतली नाकाम हुई है. अब दोनों से हिसाब लेंगे.