शनि देव अगर प्रसन्न हो जायें तो जीवन में एक नई तरंग का आभास होता है. अधिकतर लोग शनि देव को बुरा मानते हैं क्योंकि शनि देव की कृदृष्टि से कार्य में बाधायें आती हैं. लेकिन हिंदू धर्म के मुताबिक धर्म ग्रंथों में शनि देव को न्यायधीश का पद दिया गया है. इंसान जो भी बुरे कर्म करता है, उसका फल शनिदेव देते है. पुराने समय से बताया जाता है कि जिन राक्षसों ने बुरे कर्म किए और लोगों को सताने की कोशिश कि तो शनिदेव ने उन्हें नष्ट कर दिया.
बतादें कि शनिदेव को ये शक्तियां ब्रह्मा, विष्णु, महेश से मिली है. कहा जाता है कि जिस मनुष्य पर शनिदेव की नजर पड़ जाए, तो वह इंसान राजा से रंक बन जाता है. क्योंकि शनिदेव को ही अच्छे-बुरे कर्मो का फल देने वाला माना गया है. अक्सर आपको ऐसा लगता होगा कि वे कितने गुस्से वाले हैं. उनसे बच के रहना चाहिए. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, शनिदेव का चरित्र भी असल में सत्य और कर्म को अपनाने की प्ररेणा देता है. उनकी साधना करने से असफलता, दुख कलह सब दूर हो जाते है. वहीं सुख-शांति सफलता प्राप्त होती है.
इस मंत्र से शनिदेव की अराधना करें।
शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे।
केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥
जानिए कैसे करें शनि देव को प्रसन्न
-शनिवार के दिन शनिदेव पर तेल चढ़ाते हुए ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें.
– सूर्य उदय होते ही लगातार 43 दिनों तक शनि देव को तेल चढ़ाएं और ध्यान दें कि रविवार के दिन तेल न चढ़ाएं साथ ही आप इस की शुरुआत किसी भी शनिवार से कर सकते हैं.
– हर शनिवार को 11 बार महाराज दशरथ द्वारा लिखे गए, दशरथ स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। बतादें कि शनिदेव ने खुद दशरथ जी को आशीर्वाद दिया था कि जो भी मेरे इस दशरथ स्त्रोत का पाठ करेगा, उसे करने से उसके सारे रोग- दोष कष्ट मुक्त हो जाएंगे. साथ ही उसे मेरी दिशा से सामना नहीं करना पड़ेगा.
– शनिवार के दिन श्रद्धा एवं विश्वास के साथ शनि महाराज का उपवास रखें।
– अगर कोई व्यक्ति शनि दोष से पीडित है, तो शनिवार के दिन वह काली उड़द और कोयले की एक पोटली बनाएं. उसमें एक सिक्का रखें, उसके बाद उसे अपने ऊपर से वार कर किसी तालाब या नदी में फेंक दें. जिसमें मछलियां रहती हों.
– शनिवार के दिन काली गाय के माथे पर तिलक लगाएं, फिर उसके बाद सींग पर धागा बांधे और गाय माता की पूजा करें. फिर गाय की परिक्रमा करें, उसके बाद काली गाय को चार लड्डू, तिल, उड़द खिलाएं. ये उपाय शनि महाराज की साढ़ेसाती के सभी प्रभावों को रोकता है और शनिदेव प्रसन्न होते है.
– शनिवार के दिन बंदरों, कुत्तों को गुड़ और चना खिलाएं, ऐसा करना शनिदेव की अशुभ स्थिति को रोकता है.
– अपनी हाथ की लंबाई के 19 गुना काला धागा लें और उसे माला बनाकर गले में धारण करें. ऐसा करने से शनि महाराज खुश रहते हैं और आप पर शनि की कृपा बरसती है.
शनिदेव के ये मंत्र देंगे कष्टों से मुक्ति
ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ मन्दाय नमः।।
ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।।
शनि महाराज की साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए ये मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
गलती की क्षमा मांगने के लिए इस मंत्र का उचारण करें।
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।
रोग दूर करने के लिए करें इस मंत्र का जाप
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।