जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. CRPF की आतंरिक रिपोर्ट के मुताबिक,ये हमला खुफिया एजेंसियों की विफलता थी. गौरतलब है कि इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे. सीआरपीएफ की रिपोर्ट के मुताबिक आईईडी हमले को लेकर सामान्य चेतावनी जारी की गई, लेकिन कार से आत्मघाती हमले को लेकर कोई खास खतरा नहीं था. रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि घाटी में किसी भी खुफिया एजेंसी द्वारा इस तरह का इनपुट को साझा नहीं किया गया था. इसके अलावा रिपोर्ट में काफिले की असामान्य लंबाई समेत कई खामियां बताई गई हैं. कहा गया है कि काफिले को दूर से ही पहचानना आसान था और सूचना भी आसानी से लीक हो गई थी.
ये रिपोर्ट गृह मंत्रालय के बयान के बिल्कुल विपरीत है. क्योंकि गृह मंत्रालय के अनुसार पुलवामा आतंकी हमला खुफिया एजेंसी की विफलता नहीं थी. लेकिन अब रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आईईडी को लेकर एक चेतावनी जारी की गई थी. वहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि घाटी में खुफिया एजेंसियों ने इस तरह की कोई भी जानकारी साझा नहीं की थी. यही नहीं गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि जम्मू-कश्मीर पिछले 30 सालों से सीमापार समर्थित आतंकवाद का दंश झेल रहा है.
CRPF की रिपोर्ट के मुताबिक 14 फरवरी को काफिले में 78 वाहन शामिल थे. ये सभी वाहन 2547 जवानों को लेकर जम्मू से श्रीनगर के लिए रवाना हुए थे. CRPF का काफिला पुलवामा श्रीनगर-राजमार्ग से गुजर रहा था, इसी दौरान आत्मघाती हमलावर ने अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी कार से सीधी CRPF की बस में टक्कर मारी दी थी. हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.