सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुन गान। सादर सुनहि ते तरहि भव सिंधु बिना जलजनान। भावार्थ- श्री रघुनाथ जी का गुणगान संपूर्ण सुंदर मंगलों का देने वाला है. जो इसे आदर...
सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुन गान। सादर सुनहि ते तरहि भव सिंधु बिना जलजनान। भावार्थ- श्री रघुनाथ जी का गुणगान संपूर्ण सुंदर मंगलों का देने वाला है. जो इसे आदर...
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