आंख मूंदकर देख रहा है, साथ समय के खेल रहा है. महादेव महा एकाकी जिसके लिए जगत है झांकी. वहीं शून्य है वही इकाय जिसके भीतर बसा शिवाय ‘ॐ नम: शिवाय’ रावण उसका...
आंख मूंदकर देख रहा है, साथ समय के खेल रहा है. महादेव महा एकाकी जिसके लिए जगत है झांकी. वहीं शून्य है वही इकाय जिसके भीतर बसा शिवाय ‘ॐ नम: शिवाय’ रावण उसका...
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