चीन यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग ली के साथ मुलाकात की. दोनों विदेश मंत्रियों की वार्ता का दौरान कश्मीर मसला भी उठा, लेकिन विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने चीन को ऐसा तर्क दिया कि चीन आगे कुछ नहीं कह पाया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर मसला भारत का आंतरिक मुद्दा है. भारतीय संविधान के एक अस्थाई प्रावधान में बदलाव करना भारत सरकार का अधिकार है. वह उसके संविधान के तहत है. उससे न पाक की सीमा पर कोई असर होगा और न ही चीन की.
चीन ने भारत के सामने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि इससे क्षेत्रीय अखंडता पर असर पड़ सकता है.
साझा प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, बातचीत के दौरान अक्साई चिन का मसला भी उठा, चीन को चिंता थी कि धारा 370 की वजह से भारत-चीन की सीमा पर असर पड़ सकता है. लेकिन उन्होंने साफ किया कि भारत का फैसला अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कुछ असर नहीं डालेगा.
EAM @DrSJaishankar and FM Wang Yi delivered remarks to the media delegations from both countries at the closing session 4th India China High Level Media Forum. @MEAIndia
Link to EAM’s remarks: https://t.co/v8GYsCYUe8 pic.twitter.com/VEMaWM7gAo— India in China (@EOIBeijing) August 12, 2019
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पर फैसले के बाद पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी चीन पहुंचे थे, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने से पाक बौखलाया हुआ है. दुनिया के ज्यादातर देशों ने इस मुद्दे पर पाक का समर्थन नहीं किया. अमेरिका से लेकर रूस और चीन तक ने भारत सरकार के फैसले को सही बताया है. ऐसे में पाक कि मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं. चीन ने भी इस मसले पर शांति का रास्ता ही अपनाया है.चीन ने अपने बयान में कहा था कि भारत के फैसले के बारे में उन्हें पता है, वे उम्मीद करते हैं कि इससे क्षेत्र में शांति बनी रहेगी.